About us

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महर्षि पतंजलि जन्मभूमि – एक वैश्विक योग तीर्थ की ओर

गोनर्द { गोंदरमऊ, भोपाल } - वह पावन भूमि है जहाँ महर्षि पतंजलि का जन्म हुआ। यहीं से योगसूत्र, महाभाष्य, आयुर्वेद, निदानसूत्रम, परमार्थसारम का प्रकाश संपूर्ण मानवता के लिए प्रज्वलित हुआ। अब हम इस भूमि को विश्व योग राजधानी के रूप में विकसित कर रहे हैं, जिसमें होंगे:

  • महर्षि पतञ्जलि का दिव्य मंदिर
  • महर्षि पतंजलि योग विश्वविद्यालय
  • पतंजलि शोध संस्थान
  • ध्यान, साधना, प्राणक्रिया आश्रम
  • पंचतत्त्व आधारित चिकित्सा केंद्र
  • भारतीय चिकित्सा परंपरा शोध संस्थान
  • दिव्य योग मंदिर { विश्व में योग के प्रति समर्पित गुरुओं को समर्पित }
  • गौशाला और वैदिक गुरुकुल
  • आधुनिक शोध प्रयोगशाला

Our Visionaries

योगी योगानंद जी – हमारे पथप्रदर्शक

  • प्राणयोग के सृजक – एक महान आत्मज्ञानी, ध्यानयोगी एवं मानवता के सेवक।
  • 99 ध्यान विधियाँ, 99 प्राणयोग क्रियाएँ और 99 साधनाओं का सृजन।
  • स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आत्मज्ञान प्रदान करने वाले उपाय।
  • अनेक उपचार विधियाँ, जो रोगों के लिए प्रभावशाली सिद्ध हुई हैं।
  • लक्ष्य – आत्मबोध और सामाजिक कल्याण से जोड़ना।
  • योगानंद जी के नेतृत्व में यह प्रकल्प वैश्विक स्वरूप ले चुका है।
  • उनका जीवन साधना, सेवा और विज्ञान का संगम है – एक जीवंत प्रेरणा।