महर्षि पतंजलि जन्मभूमि – एक वैश्विक योग तीर्थ की ओर
गोनर्द { गोंदरमऊ, भोपाल } - वह पावन भूमि है जहाँ महर्षि पतंजलि का जन्म हुआ। यहीं से योगसूत्र, महाभाष्य, आयुर्वेद, निदानसूत्रम, परमार्थसारम का प्रकाश संपूर्ण मानवता के लिए प्रज्वलित हुआ। अब हम इस भूमि को विश्व योग राजधानी के रूप में विकसित कर रहे हैं, जिसमें होंगे:
पुनरुद्धार हो रहे केंद्र
योग, दर्शन, आयुर्वेद, संस्कृत, विज्ञान में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी कोर्स
योग और आयुर्वेद पर शोध
अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश तत्वों से चिकित्सा
भारतीय गौ संरक्षण और पंचगव्य अनुसंधान
सप्तचक्र साधना, प्राणयोग, दिव्य दृष्टि जागरण आदि
अपने अंश से कीजिए विश्व गुरु की जन्मभूमि का पुनरुद्धार
आइये , महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि से भारत को विश्वगुरु के पथ पर स्थापित करने का सौभाग्य प्राप्त करे, | यह सुअवसर आपको अपने जीवन को गौरान्वित करने और यहाँ की दिव्य ऊर्जा से एकाकार होने का सुअवसर प्रदान करेगा | दानदाताओं के नाम का शिलालेखों पर उल्लेख आपके नाम को सदियों तक अमर करेगा | आप साक्षी बनेगे इस अमर ,अमिट, दिव्य ,अद्भुत भारतीय धरोहर के |
"योग ऋषि पतंजलि को समर्पित यह कार्य, जन-जन के सहयोग से बनेगा एक विश्व धरोहर।"